Official Ravi Singh Bura
Thursday, April 23, 2020
शायरी
उड़ना तो उनका भी शोंक था खुले आसमां में, साहब
कैद पिंजरे की सलाखों ने जिनको कर रखा था।
✍️ रवि सिंह बुरा
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